सांस और जुकाम में आयुर्वेदिक दवा से 8 हजार कोरो के मरीजों को फायदा, पूरा इलाज नहीं

गांधीनगर, 24 अप्रैल 2021

अहमदाबाद सिविल में आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार, अखण्डानंद कॉलेज की टीम पिछले 1 साल से आयुर्वेदिक उपचार के लिए काम कर रही है। अखण्डानंद कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रमुख सुरेंद्र सोनी का कहना है कि आयुर्वेदिक उपचार कोरोना वायरस के इलाज में मददगार रहा है।

सिविल के डेडिकेटेड 1200 बेड अस्पताल में, हम एक वर्ष में एक सहायक उपचार पद्धति के रूप में कोरोनरी रोगियों को आयुर्वेदिक दवाएं प्रदान कर रहे हैं। जिसका हमें सकारात्मक परिणाम मिला है।

आयुष मंत्रालय द्वारा निर्धारित आयुष -64, संशमनवती, यष्टिमधु घनवती, आयुर्वेदिक दवाओं की इस तिकड़ी के साथ कई कोरोनरी रोगियों के लिए राहत लेकर आई है।

अब तक 5214 कोरोना योद्धाओं और 8000 से अधिक कोरोना रोगियों का इन दवाओं के साथ इलाज किया गया है। आयुर्वेदिक काढ़े में विभिन्न दवाएं शामिल हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कोरोना वार्डों के साथ-साथ कोरोना योद्धाओं में संक्रमण वितरित किए जाते हैं। जिसका हमें सकारात्मक परिणाम मिला है। कई रोगियों और कोरोना योद्धाओं को प्रतिक्रियाएं मिली हैं जो नौ ऊर्जा जमा करती हैं।

कोरोना वायरस का मूल कारण सर्दी, खांसी और फेफड़ों के संक्रमण से जुड़ा है। जिसमें उक्त औषधियाँ बहुत लाभदायक सिद्ध हुई हैं। उन्होंने कहा कि तीनों दवाओं ने ठंड, किसी भी तरह की खांसी, गले में खराश, भूख में कमी, अपच, सांस की तकलीफ जैसी कई बीमारियों में प्रभावी परिणाम दिए हैं।