15 साल की उम्र में, अभय को बहुत दुर्लभ स्कोलियोसिस था। यह दुनिया की आबादी के 2.5% और भारत में 0.4% में पाया जाता है
अहमदाबाद, २६ फरवरी २०२१
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल ने दुर्लभ बीमारी स्कोलियोसिस के जटिल उपचार के साथ 18 वर्षीय अभय रादडिया को सफलतापूर्वक इलाज करके इतिहास बनाया है। भारत में 0.4% लोगों में स्कोलियोसिस नामक बीमारी पाई जाती है। यह बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक है।
15 साल की उम्र में जूनागढ़ जिले के भैंसाण के निवासी अभय रादडिया अन्य बच्चों की तरह खेल, पढ़ाई में सामान्य जीवन जी रहे थे।
अभय को जन्म से कमर की रीढ़ में अत्यधिक वक्रता थी। धीरे-धीरे समस्या बिगड़ने लगी। आवाजाही और खेलकूद में कठिनाई हो रही थी। अभय के परिवार ने कई निजी अस्पतालों और आर्थोपेडिक डॉक्टरों असफल होने के बाद, उन्होंने अंत में अहमदाबाद सिविल के स्पाइन सर्जन से इलाज लिया।
स्कोलियोसिस बीमारी के संचालन के लिए, रोगी की आयु एक वयस्क के समान होनी चाहिए। इसलिए अभय के परिवार को ऑपरेशन के लिए 3 साल इंतजार करना पड़ा।
अभय के 18 साल के होने के बाद ऑपरेशन संभव हो गया। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ। जे। वी मोदी और उनकी टीम ने अभय पर ओपरेशन किया।
डॉ जे.वी. मोदी कहते हैं कि दुनिया भर में स्कोलियोसिस की घटना केवल 2.5% है। जबकि भारत में इस बीमारी की घटना 0.4% है।
यह बीमारी प्रायः 60-65% पृष्ठीय स्तर पर देखी जाती है। लेकिन (काठ) स्तर पर इस बीमारी की घटना कम होती है यानी 35-40%।
निजी अस्पताल में 8 से 10 लाख रूपिया का खर्च होते हैं। सिविल अस्पताल में मुफ्त सारवार मीली है। अभय अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं।