अहमदाबाद, 15 अप्रैल 2021
रेटिंग एजेंसी एसएंडपी डॉव जोन्स ने अदानी को लात मारी है। म्यांमार की सेना के साथ व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड को इसके सूचकांक से हटा दिया गया है।
इस साल विद्रोह के बाद से म्यांमार की सेना पर मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है और इसकी व्यापक आलोचना हुई है।
अडानी की कंपनी यांगून, म्यांमार में एक कंटेनर पोर्ट विकसित करने के लिए काम कर रही है। यह वह जगह है जहाँ कंटेनर पोर्ट विकसित किया जा रहा है। भूमि म्यांमार आर्थिक निगम (MEC) नामक कंपनी के स्वामित्व में है। म्यांमार सेना के स्वामित्व में।
आज घोषणा की गई कि 15 अप्रैल, 2021 को खुलने से ठीक पहले अडानी बंदरगाह को सूचकांक से हटा दिया जाएगा।
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र ने अडानी की ओर आंख मूंद ली थी। अडानी पोर्ट्स जैसी कंपनियां म्यांमार की सेना को आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं। इसलिए यह नरसंहार के साथ-साथ मानव अधिकारों के उल्लंघन को बढ़ावा दे रहा है।
1 फरवरी से म्यांमार में एक सैन्य तख्तापलट में 700 से अधिक लोग मारे गए हैं।
अडानी पोर्ट के प्रवक्ता ने दावा किया कि किसी भी राजनीतिक उथल-पुथल के पीछे कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं था।
फ्लिपकार्ट को पश्चिम भारत में ई-कॉमर्स के लिए पट्टे पर देगा। अडानी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड मुंबई में अपने अगले लॉजिस्टिक हब में 5.34 लाख वर्ग फुट का गोदाम बनाएगी।
फ्लिपकार्ट अपना तीसरा डेटा सेंटर अडानी कोन्नेक्स के चेन्नई प्लांट में स्थापित करेगा।