राशन दुकान की यूजर आईडी बेचकर रूपानी सरकार ने खा लिया गरीबों का करोड़ों रुपये का अनाज

गांधीनगर, 30 जुलाई 2021
सरकारी खाद्यान्न का अनोखा ‘प्रशासन’ घोटाले के खिलाफ है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच से सरकारी खाद्यान्न की तस्करी के मामले की जांच सूरत शहर तक पहुंच गई है. खुलासा हुआ है कि महानगर सूरत में 45 राशन की दुकानों से यूजर आईडी बेची गई है। जांच में सामने आया कि कुल 52 लाख रुपये का गेहूं और 44 लाख रुपये का चावल सरकारी अधिकारियों ने खा लिया.

पता चला है कि इस तरह का अनुमान लगाकर जांच शुरू कर दी गई है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की एक टीम ने संदेह के आधार पर कुछ राजस्थानी लाइसेंसधारियों से पूछताछ की, जिनके पास राशन की दुकान है। इस घोटाले में सूरत की करीब 45 राशन की दुकानों से यूजर आईडी चोरी हो गई। इस सटीक जानकारी के खिलाफ इस दिशा में जांच शुरू की जा रही है। सूरत शहर के महुवा तालुका में 45 दुकानों से, रांदेर क्षेत्र में 11, कटारगाम क्षेत्र में 17, चौक में 7, पुणे में 2, वराछा क्षेत्र में 1 और कामरेज में 6 दुकानों से यूजर आईडी और डेटा चोरी हो गए हैं। एक अनुमान के मुताबिक गेहूं और चावल के अलावा करोड़ों रुपये की चीनी बर्बाद हो चुकी है. आपूर्ति विभाग में बड़े घोटाले का सामना कर रहे जिला कलेक्टर आयुष ओके ने सूरत जिले की एक राशन दुकान की जांच के आदेश दिए हैं. आपूर्ति अधिकारी के साथ ही जोनल अधिकारी की टीम गठित कर जांच शुरू कर दी गई है। इसमें शामिल किसी भी लाइसेंसधारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

महानगर सूरत समेत राज्य में सरकारी खाद्यान्न की बरबादी का घोटाला इससे पहले भी बड़े पैमाने पर पकड़ा जा चुका है. इस संबंध में आपूर्ति विभाग के जोनल कार्यालय में आउटसोर्सिंग स्टाफ को एक बड़ी और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इससे बिना किसी डर के अनाज आपूर्ति में घोटाले बढ़े हैं। खासकर अनाज की मांग बढ़ रही है। हालांकि इस मामले में उम्मीद जताई जा रही है कि ऑपरेशन दूध के बुलबुले की तरह नहीं होगा। इससे पहले अहमदाबाद शहर से हुए घोटाले के सिलसिले में शहर भर के राशन केंद्रों की जांच की गई थी। हालांकि इस मामले में अगर कोई बड़ी मछली पकड़ी जाती है तो पूरा मामला साफ हो जाता है.