अहमदाबाद, 26 जून 2020
गुजरात में पिछले साल 15.40 लाख हेक्टेयर में मूंगफली लगाई गई थी। वर्तमान में इसके खिलाफ 12 से 14 लाख हेक्टेयर मूंगफली रोपी गई हैं। इस प्रकार 80-85 प्रतिशत मूंगफली लगाई गई हैं। इस साल, किसान मूंगफली उगाने में बहुत उत्साह दिखा रहे हैं। इसके पीछे मुख्य कारण कृषि की लाभप्रदता हो सकती है। पिछले साल अच्छे दाम मिले थे, इस बार उस फसल की खेती बढ़ रही है। यह मूंगफली में पाया जाता है।
गुजरात में किसी भी फसल में मूंगफली के प्रति सबसे ज्यादा रुझान इस सीजन में किसानों के बीच देखा जा रहा है। मूंगफली इस समय अन्य 52 प्रकार की फसलों पर शीर्ष पर है। जिसे लगभग 17 लाख हेक्टेयर में लगाया जा सकता है। किसान मूंगफली की ओर अधिक आकर्षित होते हैं इसका एक और कारण है कपास। पिछले साल किसानों के लिए कपास की कीमतें पर्याप्त नहीं थीं। इसलिए किसानों ने इस साल कपास लगाने का विकल्प नहीं चुना है। इसके बजाय, मूंगफली के प्रति रुझान बढ़ रहा है।
2003-4 में मूंगफली की खेती का रिकॉर्ड 45.77 लाख हेक्टेयर क्षेत्र है। जो इस वर्ष अच्छे मानसून के बावजूद नहीं टूट रहा है। वर्ष 1949-50 में मूंगफली की खेती 4.72 लाख हेक्टेयर में की गई थी, मूंगफली मुश्किल से 504 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से उगाई गई थी। मूंगफली 10 साल पहले 18.22 लाख हेक्टेयर पर उगाई गई थी। जिसमें प्रति हेक्टेयर 964 किलो मूंगफली उगाई गई थी। इस प्रकार रोपण में वृद्धि के साथ उत्पादकता में भी वृद्धि हुई।
अगली साल 2019 में इस दौरान मूंगफली की खेती 6 लाख हेक्टेयर की थी। हालांकि, 2020 के मानसून में शुरुआती बारिश के कारण, 22 जून तक 12 लाख हेक्टेयर रोपण किया गया है। इस प्रकार मूंगफली की खेती में 100 प्रतिशत वृद्धि देखी गई है। इसके पीछे एक और कारण है, किसानों का कहना है कि पिछले साल अच्छी बारिश हुई थी और भूजल का भंडारण अच्छा था। इसे मानसून से पहले अच्छी तरह से लगाया जा सका है।