गांधीनगर, 5 फरवरी 2021
गुजरात सरकार के रुपाणी प्रधान मंडल के मंत्री ईश्वर पटेल के भाई विजय पटेल ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के पीछे की वजह को पार्टी के लोग सीआर पाटिल के खिलाफ और पार्टी के भ्रष्टाचार का कारण मान रहे हैं।
भरूच भाजपा पर निशाना साधा है। जिला पंचायत के सदस्य के रूप में भाजपा से चुने गए थे। कई वर्षों से भाजपा में थे। भरूच तालुका पंचायत के अध्यक्ष रह चुके थे। उनके अचानक इस्तीफे से भरूच भाजपा हिल गई है।
विजय पटेल ने स्थानीय नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने अध्यक्ष सीआर पाटिल को लिखे एक पत्र में स्पष्ट किया कि एक व्यक्तिगत कारण था। लेकिन उन्होंने स्थानीय नेताओं पर भी बड़े आरोप लगाए हैं। एक तरह से पाटील के निर्णय के सामने विद्रोह है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय नेता भ्रष्टाचार से रत हैं। मुझे पार्टी की विचारधारा से कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन मुझे पार्टी कार्यकर्ताओं की विचारधारा पर आपत्ति है। वे चुनाव के समय किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं करते हैं। मैं अगली रणनीति तय करूंगा जैसा मेरे कार्यकर्ता कहेंगे।
हालाँकि, चर्चा है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा घोषित नए नियमों पर आपत्ति है। फिर भी, विजय पटेल 60 साल के हैं। ताकि इस्तीफे के पीछे एक कारण हो सके।
इसके अलावा, 60 साल की उम्र, तीन नियम के तहत नेताओं के रिश्तेदारों के लिए कोई टिकट नहीं होने का फैसला कहीं न कहीं कई नेताओं को परेशान कर रहा है।
भाजपा संसदीय बोर्ड ने सभी महानगरों में पूर्व मेयरों को चुनाव टिकट नहीं देने का फैसला किया है।
हालांकि, प्रसिद्ध चेहरे निकट भविष्य में पार्टियों को बदल देंगे। इसके अलावा, अगर कोई और इस्तीफा दे शकते है।
राज्य के सहकारिता मंत्री ईश्वर सिंह पटेल के भाई वल्लभ दास उर्फ विजयसिंह पटेल के ईस्तीफा से राज्य सरकार में खलबली मची है।
विजय, हंसोट तालुका पंचायत के पूर्व अध्यक्ष और एपीएमसी के अध्यक्ष के साथ-साथ हंसोट जिला बैंक से संबद्ध हैं।
विजय पटेल ने पहले एमएलए चुनाव के दौरान इस्तीफा दे दिया था। हालाँकि, उन्होंने मोवदी मंडल द्वारा मनाने के बाद अपना इस्तीफा वापस ले लिया। उन्होंने फिर से चुनाव से पहले अपना इस्तीफा दे दिया है। उनका पत्र सोशल मीडिया पर घूम रहा है।
उन्होने बताया की, पार्टी की विचारधारा के बजाय व्यक्ति की विचारधारा को लागू किया जाता है। भाजपा के नेता भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। पार्टी के पास अब पार्टी की विचारधारा नहीं है। व्यक्ति की विचारधारा चल रही है। व्यभिचारी, भ्रष्टाचारी की विचारधारा चल रही है।