गांधीनगर, 12 जनवरी 2020
केंद्र की अहंकारी भाजपा सरकार ने 3 कृषि कानूनों के असंवैधानिक आवेदन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को स्टे दीया । जो निर्णय बताते है की ये कानून असंवैधानिक रूप से लागू किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के लिए स्टे लगाना पर्याप्त नहीं है। इसे वापस लिया जाना चाहिए। इसलिए कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने और किसानों के संघर्ष का समर्थन करने के लिए गुजरात के गांवों में लड़ाई लड़ेगी। कृषि राज्य का विषय है। जिसमें मोदी सरकार ने संविधान का उल्लंघन करके कानून बनाया है। मैं इन तीन कानूनों पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं, जिन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी को बढ़ावा दिया है। यह बात गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धनानी ने कही।
""બોલશે ગુજરાત, કોંગ્રેસ સંગાથ""
હવે આર્થિક મંદી, વધતી મોંઘવારી, તૂટતા
રોજગાર, મોંઘુ શિક્ષણ, કથળેલુ આરોગ્ય
અને નબળા પરિવહન વ્યવહાર વિરુદ્ધ,સામાન્ય માણસની સમસ્યા તથા અપેક્ષાને
સરળતાથી ""કોંગ્રેસ સંકલ્પ"" સુધી સિધ્ધાં
જ પહોંચાડવાનુ માધ્યમ ઈ 'હેલ્લો'..!#હેલ્લો_મહાનગર_9099902255 pic.twitter.com/IdL1UwdFbC— Paresh Dhanani (@paresh_dhanani) January 5, 2021
भाजपा की भगवी सरकार ने गुजरात में किसान नेताओं को दबा दिया था ताकि वे आंदोलन न करें। भगवा अंग्रेजों ने गोरे अंग्रेजों की याद दिलाकर किसानों की आंखों पर कब्जा कर लिया। धमकी दी गई। किसान नायक को पुलिस स्टेशन में मारा गया।
26 जनवारी को किसान दिल्ही में मार्च पास्ट करने वाले थे, ईस लिये मोदी को भारी पडने वाले थे।
विपक्ष के नेता परेश धनानी ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों की मांग का समर्थन किया है। कांग्रेस गांवों से लेकर सड़कों तक इस मुद्दे को उठाएगी और भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मुट्ठी भर उद्योगपतियों को समृद्ध करने के लिए असंवैधानिक रूप से 3 कानून पारित किए थे। सर्वोच्च न्यायालय ने आज किसान विरोधी देश विरोधी कानूनों पर रोक लगा दी।
दुर्भाग्यवश, लोगों द्वारा चुनी गई सरकार ने एक असंवैधानिक परंपरा का पालन करते हुए देश विरोधी, काले कानूनों को पारित करके मुट्ठी भर व्यापारियों को समृद्ध करने की साजिश की।
इन कानूनों के साथ, किसानों के लिए सस्ती कीमतें अतीत की बात हैं। कृषि उत्पादों को पानी की कीमत पर लूटा जाना है। मुनाफे और मुद्रास्फीति में वृद्धि जारी है। बड़ी कंपनियां किसान को धोखा देंगी। छोटे व्यापारी बेरोजगार होने वाले हैं। खेत मजदूरों का रोजगार छीनना है।
गुजरात की 20,000 करोड़ रुपये की जमीन के 250 बाज़ार बेचे जाएंगे। सामूहिकता और कालाबाजारी देश भर में कहर मचाएगी। कोर्ट के दरवाजे भी किसानों के लिए बंद होने जा रहे हैं।
काले कानून से छुटकारा पाने के लिए लाखों किसान ठंड में 60 दिनों से सड़क पर दिल्ही बोर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। फिर भी इस किसान विरोधी सरकार का पेट क्यों नहीं हिल रहा है? यह अब पूरे देश के दिमाग में एक सवाल है।
आने वाले दिनों में, सरकार को सभी तीन काले कानूनों को असंवैधानिक रूप से तत्काल प्रभाव से निरस्त कर देना चाहिए, अगर थोड़ी भी शर्मिंदगी हो तो।
अगर सरकार ने इन तीनों काले कानूनों को निरस्त नहीं किया तो आने वाले दिनों में किसानों को उनकी उपज के लिए कीमत नहीं मिलेगी।
महंगाई का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा। फिर आने वाले दिनों में, कांग्रेस पार्टी उत्पादकों और उपभोक्ताओं को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर और राज्य स्तर पर भारत बचाओ अभियान को गाँव तक ले जाएगी। विपक्ष के नेता परेश धनानी ने कहा।