केरल के लोगों के लिए मुसीबत बनी बिल्लियां
केरल सरकार ने आरटीआई के तहत दायर एक याचिका के जवाब में आंकड़े दर्ज किए हैं
केरल
सड़कों पर घूमने वाले कुत्ते आमतौर पर हिंसक होते हैं और लोगों को काटते हैं। भारत के सभी राज्यों में लोग आवारा कुत्तों से पीड़ित हैं।
हालांकि, केरल के लोगों के लिए बिल्लियां एक समस्या बन गई हैं। पिछले कुछ वर्षों में कुत्तों के बजाय बिल्लियों के काटने के मामलों में वृद्धि देखी गई है। अकेले जनवरी में 28,000 लोगों को बिल्लियों ने काटा।
सरकार ने खुद यह आंकड़ा आरटीआई के तहत दायर एक याचिका के जवाब में दिया है। सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में कुत्ते के काटने का इलाज कराने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। जनवरी में कुत्ते के काटने के 20,000 और बिल्ली के काटने के 28,000 मामले सामने आए।
राज्य के पशु कल्याण निकाय ने जानकारी मांगी थी।आंकड़ों के अनुसार, 2016 में बिल्ली के काटने के 1.60 लाख मामले सामने आए और 2020 में यह संख्या बढ़कर 2.20 लाख हो गई। इस प्रकार, पांच वर्षों में बिल्ली के काटने की घटनाओं में 128 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2016 में कुत्ते के काटने के 1.25 लाख मामले और 2020 में 1.6 लाख ऐसे मामले सामने आए। पिछले साल रेबीज से पांच लोगों की मौत भी हुई थी।