गांधीनगर, 12 अगस्त 2020
गुजरात के बनासकांठा के कलेक्टर को एक आवेदन दिया गया है। कोरोना के काल में आपको जनता अस्पताल के नाम पर सरकारी खर्च करने की अनुमती दी है। जांच करें कि सरकारी डीसा की ए होस्पिटल वास्तव में होस्पिटल है या नहीं। मुन्नाभाई एमबीबीएस की तरह, इस अस्पताल को रात भर में शुरू किया गया है। जहां कोई अस्पताल नहीं था। अव कोविड अस्पताल बन गया है। लेकिन बीजेपी नेताओं की ए बिल्डींग 15 साल से खाली था। अब अस्पताल बना है। इसमें अस्पताल की सुविधाएं भी नहीं हैं। ए दिल्ही के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार थोडी है, ए विजय रूपानीन की अनपढ सरकार है। जहां अनपढ मुन्नाभाई की तरह अस्पताल शरू कर दी जाती है।
भाजपा नेता का मुन्नाभाई अस्पताल
अमरनाथ निगम के जनता अस्पताल में आग से सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। एक ही सीढ़ी है। कोरोना रोगियों के साथ अस्पताल एक जोखिम है। कलेक्टर को सोशल मीडिया के माध्यम से सूचित किया गया है। बनासकांठा कलेक्टर को सोशल मीडिया के माध्यम से 3 दिन में खुलासा करने के लिए संदेश दोहराया जा रहा है। तुरंत मुन्नाभाई अस्पताल की जाँच करें। संजय दत्त की मुन्नाभाई एमबीबीएस की तरह, यहां कई विवरण सामने आएंगे।
शंकरसिंह के सौजन्य से
लघु उद्योग के उद्देश्य से दी गई जगह एक शॉपिंग सेंटर बन गई। एक नेता को उपहार दिया गया था जो शंकरसिंह वाघेला की पार्टी में गया था। अब फीरसे वो वापीस भाजपा में आ गये है। अभी वो नेता अमित शाह के खेमे मे है। इस बिल्डींग को 15 साल पहले सील कर दिया गया था। अब तक, शॉपिंग सेंटर की ऊपरी दो मंजिलें खाली थीं। खाली मंजिलो में अस्पताल शरू कर दी है। अब दुकानें भी शुरू हो गई हैं, कुछ समय पहले सील सालो तक सील थी। यह मामला दंतिवाड़ा विश्वविद्यालय के सरकारी जमीन का है। कलेक्टर ने इस पर रोक लगा दी थी। कलेक्टरे सील लगाई थी। पुनर्वास के लिए सरकार द्वारा प्रीमियम का भुगतान करना पजता है। कलेक्टर को यह जांचना है कि उद्देश्य बदल गया है या नहीं। बिजली कनेक्शन अब मिल गया है। नगरपालिका का आंकलन नहीं किया गया है। फायर सेफ्टी में अहमदाबाद की होस्पिटल की तरह हो सकता है।
50 आई.सी.यू.
डीसा में 150 बेड का पहेले से कोविद अस्पताल है। जिनमें से केवल 15 मरीज अभी हैं। यदि ऐसा है, तो एक और 115-बेड अस्पताल की आवश्यकता सरकार को क्युं पडी। एह बात डीसा के लोगों को परेशान कर रहा है। जिनमें से 50 आईसीयू स्वीकृत किए गए हैं। कलेक्टर को यह जांचना है कि क्या सभी में वेंटिलेटर हैं, या नहीं। भीड़-भाड़ वाले बिस्तर रखे हैं। नियमानुसार कोई अस्पताल नहीं है। हॉस्पिटल में डॉक्टरों के रहने की भी व्यवस्था की गई है।
भाजपा के ऐ कौन से नेता है जो मुन्नाभाई बनना चाहता है।
भाजपा की राजनीति
भंसाली अस्पताल के बाद दूसरा निजी ट्रस्ट सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वीकृत किया गया है, जहां सरकार कोरोना में भर्ती किए गए खाली अस्पताल बेड और बेड पर निजी ट्रस्ट को शुल्क का भुगतान करेगी। अगर कोई निजी ट्रस्ट या अस्पताल बनाना चाहता है तो उसका स्वागत है। यह रहस्योद्घाटन भाजपा नेताओं के बारे में बहुत कुछ कहता है। उन्होने भाजपा के एक नेता की और उंगली उठाई है। ऐसा निवेदन से लगता है।
कोविद अस्पताल शुरू होने पर सरकार 15 लाख रुपये का अग्रिम देती है। अगर आईसीयू सुविधा है जिसमें सरकार बड़ी मदद देती है।
अमित शाह का गुट साफ होने लगा
गुजरात बीजेपी अब अमित शाह के खिलाफ आ गई है। पाटिल के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में स्थापित होने के बाद से अमित शाह के समूह के लोग उन्हें जानते आ रहे हैं। यह मुन्नाभाई अस्पताल भी अमित शाह समूह के भाजपा नेता का है। जबकि अस्पताल एक भाजपा गुट द्वारा संचालित किया जा रहा है, यह शंकर चौधरी गुट का है। इस प्रकार यहाँ भी शंकर चौधरी का समूह और अमित शाह का समूह इस अस्पताल के लिए लड़ रहे हैं। भाजपा को अब पालनपुर से इस संबंध में एक प्रस्तुति देनी है।