मोदी की तालाबंदी विफल, दुनिया में चौथे नंबर पर भारत, कोरोना में भारत दुनिया में नंबर एक पर पहुंच जाएगा

हाल ही में कोरोना देश में गिरने की संभावना नहीं है। भारत में कोरोना संक्रमणों की संख्या 3 लाख के करीब पहुंच गई है। आने वाले दिनों में इसके तेज होने की संभावना है। विशेषज्ञों के अनुसार, जुलाई के मध्य या अगस्त की शुरुआत में देश में कोरोनावाईरस की संख्या चरम पर पहुंच सकती है। फिर पूरी दुनिया नंबर एक पर पहुंच सकती है। कोरोना से प्रभावित देशों की सूची में भारत सबसे ऊपर है। अमेरिका, ब्राजील और रूस के बाद चौथे स्थान पर पहुंच गया। भारत में नरेंद्र मोदी द्वारा तालाबंदी की असभ्य घोषणा के कारण पूरे देश की स्थिति खराब हो गई है।

सर गंगा राम अस्पताल, दिल्ली के वाइस चेयरमैन डॉ। एस.पी. बायोट्रा के अनुसार, भारत में कोरोना के मामले जुलाई के मध्य या अगस्त में चरम पर पहुंच सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि टीका अगले साल की पहली तिमाही से पहले आएगा।

हर दिन 10 हजार मामले
हर दिन देश में कोरोना के लगभग 10,000 नए मामले सामने आ रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमणों की कुल संख्या 2,97,535 तक पहुंच गई है। अच्छी खबर यह है कि इनमें से 1,47,195 लोग महामारी से बच गए हैं। कोरोना ने देश में 8498 लोगों की हत्या की है।

स्थिति कठिन हो सकती है
अगर इस गति से देश में कोरोना के मामले बढ़ते हैं, तो एक विकट स्थिति पैदा हो सकती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि शहर में कोरोनवीरस की संख्या 31 जुलाई तक 5.5 लाख तक पहुंच सकती है। देश के हालात के बारे में सोचिए अगर आप दिल्ली में इतना सब्र दिखाते हैं। देश में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों की सूची में दिल्ली और गुजरात वर्तमान में तीसरे स्थान पर हैं। दिल्ली में संक्रमित कोरोना की संख्या 34687 है, जिसमें 1085 लोग मारे गए हैं। राजधानी के कोरोना से 12731 लोग बरामद हुए हैं।

स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा रही है
इन्हीं मामलों में दिल्ली सरकार के हाथ उठने लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मरीजों की हालत जानवरों से भी बदतर है। लेकिन इसके पीछे की डरावनी जमीन के तथ्य को दिल्लीवासियों ने पिछले कई दिनों से देखा है। अस्पतालों में बेड नहीं हैं। मरीज हर जगह हैं। कुछ कोरोना की परीक्षण रिपोर्ट पर सवाल उठा रहे हैं। कुछ पर अस्पताल में राजनीति करने का आरोप है। जबकि कुछ मृत्यु दर पर सवाल उठा रहे हैं। इस बीच, आम दिल्लीवासी चिंतित हैं कि उसे कहाँ जाना चाहिए। सवाल यह है कि जब कोरोना का मामला अपने चरम पर है तो मरीजों की स्थिति क्या होगी।