गांधीनगर, 13 नवंबर 2020
चंद्रकांत पाटिल भाऊ ने 21 जुलाई को गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला। 24 जुलाई, 2020 को नवसारी में घोषणा की गई कि वे जल्द ही एक नया संगठन बनाएंगे। हालांकि 5 महीने बीत चुके हैं, नए संगठन की घोषणा नहीं की जा सकी है। अब उनके पास गुंजाइश है और पार्टी आगे बढ़ रही है। वर्तमान में क्षेत्र संरचना में 25 नियुक्तियां हैं।
अस्सी प्रतिशत नए चेहरों
गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल स्थानीय निकाय चुनाव को देख रहे हैं। जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद, अब नई नियुक्तियों को राज्य संगठन के मुख्य ढांचे के साथ-साथ भाजपा के विभिन्न प्रकोष्ठों में भी किया जाएगा। क्या मायने रखता है कि कौन किसे जगह देता है और किसे बाहर करता है। सूत्रों के मुताबिक अस्सी प्रतिशत नए चेहरों को जगह मिल सकती है।जिल्लो में नई नियुक्ति देखकर अह कह शकते है।
जिलों के संगठन की घोषणा करने से पहले, सीआर पाटिल ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ चर्चा की। अमित शाह और नरेन्द्र मोदी को वो नहीं मिले थे।
जिले-शहर में कोई दोहराव नहीं
अभी जिलों और शहरों में 39 अध्यक्षों की नियुक्ति की है। नियुक्ति का दोहरा सिद्धांत पाया जाता है। इसलिए अमित शाह द्वारा नियुक्त पुराने ढांचे को रखने के बजाय, वे 80 फीसदी नए लोगों को लेंगे। अपने ही आदमियों को संगठित करेगा। अमित शाह, आनंदीबेन पटेल, विजय रूपानी और जीतू वाघानी लोगों को लॉबी में रख सकते हैं।
समूह काटे जाएंगे
नरेंद्र मोदी ने जीतू वाघानी, अमित शाह और विजय रूपानी को सूचित किए बिना अचानक सीआर पाटिल को नियुक्त कर दिया था। तब अमित शाह और मोदी के बीच अच्छी बॉडी लैंग्वेज नहीं थी। सीआर पाटिल एक महाराष्ट्रियन हैं, इसलिए पार्टी के भीतर आज भी विरोध है।
गुटबाजी है
प्रमुख बनते ही पाटिल ने घोषणा की कि पार्टी में गुटबाजी अब नहीं रहेगी। हालांकि, इससे पहले वह खूद सूरत और दक्षिण गुजरात में गुटबाजी चला रहा था। वह प्रमुख के रूप में अपनी यात्रा पर अपने समूह के नेताओं के साथ रखकर हीं गये थे। सभी जगह वो सौराष्ट्र में कहते रहे की गुटबाजी है। वो जीतु वाघाणी, परसोत्तम रूपाला, मनसुख मांडवीया, भीखु दलसाणीया ओर मुख् मंत्री विजय रूपानी का नाम लिये बिना उनकी और ईसारा कर रहे थे। आव नया ढांचा बनेला ईसमे पाटील की वो बात दीखाय देगी।
बंद लीफाफा का रहस्य
सीआर पाटिल के बंद कवर फार्मूले ने संगठन के चयन में काम करना शुरू कर दिया है। प्रमुख बनने के बाद, पाटिल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे मुझे एक बंद कवर में शिकायतें और अभ्यावेदन भेजें और आशा व्यक्त की कि मैं उन्हें संबोधित करने के लिए आवश्यक कदम उठाऊंगा। उनकी योजना संगठन और फिर सरकार को बंद कवर-लीफाफा फार्मूला अब लागू करेगे।
बोर्ड कॉर्पोरेशन में नियुक्ति
संगठनात्मक ढांचे के साथ सरकार के निगम और बोर्ड में भी नियुक्ति कि जाएगी। 2022 के चुनाव के लिए आवश्यक नेताओं को बोर्ड निगम में रखे जाने की संभावना है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले कई वर्षों से बोर्ड निगम में कोई नियुक्ति नहीं हुई है। बोर्ड कॉर्पोरेशन में 70% जगह खाली है। जो नियक्ति की गई है ईस में ज्यादातर मुख्य मंत्री विजय रूपानी के खास लोगों को रखा है। वो भी राजकोट और सौराष्ट्र के सबसे ज्यादा है।
रूपानी सरकार टिक नहीं पाती है
हालांकि गांधीनगर में स्थित भाजपा राज्य कार्यालय में रूपानी सरकार के मंत्रियों को नियमित रूप से आने और लोगों के सवालों को सुनने का निर्देश दिया है, लेकिन कोई भी मंत्री इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। जो दर्शाता है कि रूपानी सरकार पाटिल को गंभीरता से नहीं लेती है।
नए गुटबाजी होगी
पार्टी की नई संरचना में गुटबाजी का असर होगा। जिसमें महासचिव के। सी आर पाटील दोहरा सकते हैं। वर्तमान उपाध्यक्ष और भाजपा के बागी, दलबदलु नेता गोरधन जदाफिया को भी महासचिव का पद मिल सकता है। पूर्णेश मोदी को दक्षिण गुजरात के महासचिव के रूप में रख सकते हैं। धनसुख भंडेरी या भरत बोधरा, जो मुख्यमंत्री के करीबी हैं, सौराष्ट्र के महासचिव को काट सकते हैं। रूपानी की सौराष्ट्र में गुटबाजी पाटील नहीं चलने देंगे।
दलसानिया बदले जा सकते है
वर्तमान भीखुभाई दलसानिया की जगह संघ के नेता भार्गव भट्ट को महासचिव बनाया जा सकता है। पाटिल को दलसानिया का साथ नहीं मिलता रहा। इसके अलावा, परिन्दु भगत (काकूभाई) को नए कोषाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है क्योंकि पार्टी कोषाध्यक्ष सुरेंद्र पटेल (चाचा) बुढ़ापे में पहुँच चुके हैं। भगत वर्तमान में उप कोषाध्यक्ष हैं।
मोर्चों सभी बदल जाएगा
भाजपा सभी मोर्चों में मौलिक रूप से बदल जाएगा। सात मोर्चे के अध्यक्ष, नियुक्तियां बदल जाएंगी। गुटबाजी और मोर्चे की निष्क्रियता को लेकर आलाकमान में नाराजगी है। चूंकि युवा मोर्चा के अध्यक्ष को गुटबाजी के कारण नियुक्त किया गया है, इसलिए वह बदला जाएगा। बक्शीपंच मोर्चा के दिनेश अनावड़िया के बदलने की संभावना है। किसान मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चे की बदलने की संभावना है। आदिवासी मोर्चे के मोती बदलने की संभावना नहीं है। ज्योति पांड्या को महिला मोर्चे में से हटाया जा सकता है। अनुसूचित मोर्चा के शंभू प्रसाद टुंडिया जारी रह सकते हैं।
विधानसभा चुनाव का लक्ष्य
2022 के विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति पाटील की है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने बंद कवर में रूपानी सरकार और प्रशासन के खिलाफ शिकायतें दर्ज की हैं, जिस पर उन्होंने विचार करने का वादा किया है। सीआर पाटिल संगठन की गोपनीयता में अधिक विश्वास करते हैं। पार्टी सबसे युवा कार्यकर्ता के प्रतिनिधित्व पर विचार कर कार्रवाई कर सकती है।
क्रम | नया जिला / महानगर | अध्यक्ष |
1 | डांग | दशरथ पवार |
2 | वलसाड | हेमंत कंसारा |
3 | नवसारी | भूरा शाह |
4 | सूरत शहर | निरंजन ज़ांज़मेरा |
5 | सूरत जिला | संदीप देसाई |
6 | तापी | जयराज गामित |
7 | भरुच | मारुति अतरोडिया |
8 | नर्मदा | घनश्याम पटेल |
9 | वडोदरा शहर | विजय शाह |
10 | वडोदरा जिला | अश्विन पटेल (कोयली) |
11 | छोटा उदेपुर | रश्मि कांत वसावा |
12 | पंचमहल | अश्विन पटेल |
13 | महिसागर | दशरथ बारिया |
14 | दाहोद | शंकर अमलियार |
15 | आनंद | विपुल सोजित्रा (पटेल) |
16 | खेड़ा | अर्जुन चौहान |
17 | अहमदाबाद जिला | हर्षदगिरी गोसाई |
18 | गांधीनगर शहर | रुचिर भट्ट |
19 | साबरकांठा | जे डी पटेल |
20 | अरावली | राजेंद्र पटेल (चौधरी) |
21 | मेहसाणा | जशू पटेल (उमातावाला) |
22 | पाटन | दशरथजी ठाकोर |
23 | बनासकांठा | गुमान चौहान |
24 | कच्छ | केशू पटेल |
25 | जामनगर शहर | विमल कागथारा |
26 | जामनगर जिला | रमेश मुंगरा |
27 | देवभूमि द्वारका | खिम जोगल (अहीर) |
28 | राजकोट शहर | कमलेश मिरानी |
29 | राजकोट जिला | मनसुख खाचरिया |
30 | मोरबी | दुर्लभ डायरकार्य |
31 | जूनागढ़ सिटी | पुनीत शर्मा |
32 | जूनागढ़ जिला | किरीट पटेल |
33 | गिर सोमनाथ | मन परमार |
34 | पोरबंदर | किरीट मोढवाडिया |
35 | अमरेली | कौशिक वेकारिया |
36 | भावनगर शहर | राजीव पंड्या |
37 | भावनगर जिला | मुकेश लांगलिया |
38 | बोटड | हंग्री वाघेला |
39 | सुरेंद्रनगर | जगदीश दलवाड़ी |