दिलीप पटेल
गांधीनगर, 17 अप्रैल 2021
गुजरात भाजपा के प्रमुख सी आर पाटील विवादो से घीरे रहते है।
#We_Support_CRPAATIL – वी सपोर्ट सीआर पाटिल कैंपेन को सूरत में लॉन्च किया है। यह क्यों करना पडा है। पाटिल के पास कभी शाख नहीं थीं। अब वो अपनी क्रिडिट बना रहे है।
इसमें पाटिल ने वैक्सीन के 4500 सरकारी स्थानों पर 2 लाख भाजपा कार्यकर्ताओं की घुसपैठ की योजना बनाई थी। वहां रुकने के बजाय पार्टी खुद सरकार बन गई है। भाजपा कार्यालय स्वयं सरकारी मशीनरी के साथ प्रतिस्पर्धा में है। पाटिल ने पार्टी के कार्यालय में कोरोना की दवा का इंजेक्शन लोको को देना शरू किया था। यह एक गैरकानूनी कार्य था। इसने कई कानूनों का उल्लंघन किया।
હોસ્પિટલ ના બેડ ની વ્યવસ્થા કરો સ્મશાન ના લાકડા ની વ્યવસ્થા નહીં કરવી પડે 🙏 લાકડા ની વ્યવસ્થા કરી એવી ટવિટ કરીને સાબિત સુ કરવા માંગો છો?? 15 માસ જેટલો કોરોના ને સમય થવા આવ્યો તો પણ વ્યવસ્થા કરવામાં નિષ્ફ્ળ!! સ્મશાન ના લાકડાની વ્યવસ્થા કરી મૃતદેહો ના નામે આવી રાજનીતિ!! pic.twitter.com/XbHcxo5q7z
— Mansi joshi ❤️ (@Mansivalangar) April 16, 2021
इसलिए गुजरात के लोगों ने पाटिल के पुराने कानूनी आरोपो को याद करना शुरू कर दिया है। लोगों ने सोशल मीडिया पर लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे को फिर से प्रसारित करना शुरू कर दिया है। उसके 100 से ज्यादा कानूनी आरोप ताजा हैं। एक आरोपी के रूप में पाटिल की छवि एक बार फिर गीर रही थी। उन्हें उस छवि को सुधारने के लिए वी सपोर्ट सीआर पाटिल अभियान शुरू करना पड़ा है।
वह पार्टी अध्यक्ष हैं और आमतौर पर इस समर्थन के लिए प्रचार करने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन पाटिल को अपनी कलंकित छवि को सुधारने के लिए करना पड़ा। पाटिल इस तरह का अभियान शुरू करते हैं, तो सामने कंई लोग मैं मुख्यमंत्री विजय रूपानी को समर्थन में से केम्पेईन शरू किया है।
कोरोना उपचारात्मक इंजेक्शन की राजनीति
रूपानी खुद तब बिफर गए जब पाटिल ने भाजपा कार्यकर्ताओं से 4,500 सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर घुसपैठ करने को कहा। रूपानी ने सार्वजनिक रूप से इस घुसपैठ की बात कभी नहीं की।
5,000 लोगों का टीकाकरण करने पर अमरेली में भारी आक्रोश था। पाटिल और अमरेली के सहकारी और भाजपा नेता दिलीप संघानी एक साथ आए हैं। दोनों नेता पहले से ही रूपानी और अमित शाह को चुनौती दे चुके हैं।
इसलिए अमरेली में रूपानी सरकार के खिलाफ लड़ाई सार्वजनिक रूप से लड़ी गई। सरकार और पार्टी के नेता उनके कार्यक्रम करने लगे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुखौटे नहीं पहने और सामाजिक दूरी नहीं बनाए रखी। भाजपा कार्यकर्ताओं को स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए पीटा गया।
संघानी ने रूपानी पर पुलिस अधिकारी को आगे करके हमला किया। दोनों के बीच युद्ध छिड़ गया। आखिरकार, पाटिल और संघानी ने पुलिस अधिकारी का तबादला करवाया । इसके अलावा, पाटिल ने सूरत में भाजपा कार्यालय में एक इंजेक्शन शिविर शुरू किया, जिसने पार्टी की आंतरिक राजनीति को उजागर किया। रूपानी का कहना था कि पाटिल से पूछें कि इंजेक्शन कहां से आया, मुझे नहीं। इस जवाब के साथ, भाजपा की आंतरिक राजनीति का पता चला।
लोको में पाटील की ईमेज से फीर एक बाद धब्बा लगा। ईस ईमेज को सुधार ने के लिये सोशियल मिडियामां केम्पेईन शरू हो गया। #We_Support_CRPAATIL
https://twitter.com/CRPaatil/status/1383111189421510658 ૉ
https://twitter.com/VimalPa06118047/status/1382979055822114817