राजस्थान उच्च न्यायालय ने बलात्कारी आसाराम को आजीवन कारावास के बावजूद बाहर से आयुर्वेदिक भोजन देने की अनुमति दी

अपने गुरुकुल के सगीरा शिष्य के खिलाफ बलात्कार मामले में अपनी अंतिम सजा काट रहे आसाराम को अदालत से राहत मिल गई है। वास्तव में, आसाराम को आयुर्वेदिक डॉक्टरों द्वारा कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए एक विशेष भोजन करने की सलाह दी गई थी। आसाराम ने उनकी अनुमति के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अब राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम को जेल के बाहर से खाना ऑर्डर करने की अनुमति दे दी है। आयुर्वेदिक डॉक्टरों की सलाह के आधार पर, राजस्थान उच्च न्यायालय ने आसाराम को जेल के बाहर से भोजन देने की अनुमति दी है। 11 अगस्त को राजस्थान उच्च न्यायालय ने आसाराम की याचिका पर सुनवाई की।

गौरतलब है कि आसाराम की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ में एक अर्जी दाखिल कर बाहर से खाना मंगवाने की अनुमति मांगी गई थी। याचिका में तर्क दिया गया कि कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने विशेष गुणों वाले खाद्य पदार्थों की सिफारिश की है जो स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद हैं। आसाराम के वकील ने इसके लिए राजस्थान उच्च न्यायालय की अनुमति मांगी थी, जिसे राजस्थान उच्च न्यायालय ने 11 अगस्त को मंजूरी दी थी। आसाराम को 2013 में अपने ही शिष्य के साथ बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह तब से जोधपुर जेल में बंद है। 2018 में, उन्हें जेल में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।