मीठी चेरी इस बार कम और अधिक महंगी मीलेगी

औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड के पुत्न गुड्डू के साथ ब्रजिकशोर मेहता ने चिल्कीबीघा में ही चेरी की खेती करने की ठान ली। पिछले साल 13 कट्ठा यानी एक बीघा से भी कम जमीन पर चेरी लगाई। इससे करीब चार लाख रुपए की कमाई हुई। इसके बाद उन्होंने 2 बीघा खेत में चेरी लगाई।

 

वैज्ञानिकों का कहना है कि बिहार में चेरी की खेती की भरपूर संभावना है।

चेरी की खेती विश्व में सबसे अधिक यूरोप और एशिया, अमेरिका, तुर्की आदि देशों में की जाती है| जबकि भारत में इसकी खेती उत्तर पूर्वी राज्यो और हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, उत्तराखंड आदि राज्यों में कि जाती है| चेरी स्वास्थ्य के लिये अच्छा फल माना जाता है| यह एक खट्टा-मीठा गुठलीदार फल है| इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाये जाते है, जैसे- विटामिन 6, विटामिन ए, नायसिन, थायमिन, राइबोफ्लैविन पोटेशियम, मैगनिज, काॅपर, आयरन तथा फस्फोरस प्रचूर मात्रा में पाए जाते है| इसके फल में एंटीआॅक्सीडेट अधिक मात्रा में होता है, जो स्वास्थ के लिये अधिक अच्छा माना जाता है|