गांधीनगर, 10 जून 2020
19 जून 2020 को होने वाले राज्यसभा चुनाव में एक बार फिर एक वोट के मूल्य के महत्व को समझा जाएगा। अतीत में, अहमद पटेल के चुनाव के समय एक वोट का मूल्य अमूल्य था। कांग्रेस विधायक अहमद पटेल को विधायक छोटू वसावा द्वारा एक मत देने के बाद, अहमद पटेल ने बीपीटी विधायक छोटू वसावा को धोखा दिया था।
2019 की लोकसभा में मदद नहीं की। एक बार फिर शक्तिसिंह और भरतसिंह के लिए एक-एक वोट की कीमत होगी। दोनों नेता एक-दूसरे का वोट हासिल करने के लिए पार्टी को धोखा दे रहे हैं। अब छोटू वसावा उन्हें वोट नहीं दे सकते।
अब एक भी कांग्रेस विधायक का इस्तीफा नहीं दिया, तो राज्यसभा चुनाव में गड़बड़ी होगी। इसका मतलब है कि अगर कं कोंग्रेस को दूसरी सीट जीतने के लिए केवल एक वोट की जरूरत है। कांग्रेस का विश्वास आज भी बरकरार है।
गुजरात कांग्रेस ने दावा किया है कि उसके आठ विधायकों के जाने के बावजूद पार्टी को राज्यसभा चुनाव में दो सीटें मिलेंगी, जिसका मतलब है कि कांग्रेस के दो उम्मीदवार शक्तिसिंह गोहिल और भरतसिंह सोलंकी जीतेंगे। कांग्रेस को दो सीटें जीतने के लिए एक वोट चाहिए।
BTP के दो सदस्यों के साथ-साथ NCP के एक सदस्य को भी स्पॉट किया गया है, लेकिन अगर ये तीनों विधायक भाजपा को वोट देते हैं, तो कांग्रेस एक और सीट नहीं जीत पाएगी। एनसीपी अध्यक्ष के पद से शंकरसिंह को हटाए जाने को एक-मत का चाबुक माना जा रहा है। अब छोटू वसावा कांग्रेस को वोट नहीं देंगे। क्योंकि अहमद पटेल ने उन्हें धोखा दिया है।
गुजरात कांग्रेस के प्रभारी राजीव साटवे ने कहा, “हमें गुजरात में दूसरी राज्यसभा सीट जीतने के लिए केवल एक वोट की जरूरत है। 2017 में भी, अहमद पटेल को जीतने के लिए एक वोट की जरूरत थी और हमें मिल गया। हम वर्तमान में संख्याओं पर काम कर रहे हैं।”
2017 में राज्यसभा चुनाव के समय, कांग्रेस के पास 77 विधायक थे जो अब घटकर सीमीत हो गए हैं। कांग्रेस के आठ विधायकों ने मार्च से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस ने अपने विधायकों को वलसाड, अंबाजी, वडोदरा और राजकोट भेजा है।
गुजरात कांग्रेस में अहेमद पटेल के राईट हेन्ड शक्तिसिंह को प्राथमिकता दी गई है।
लेकिन भरतसिंह सोलंकी के लिए प्रदेश कांग्रेस लड़खड़ा रही है। दूसरी सीट के लिए कांग्रेस के पास आठ वोट कम हैं। अगर कांग्रेस एक भी वोट का प्रबंधन नहीं कर पाती है, तो भरतसिंह सोलंकी को अमेरिका के घर लौटना होगा। वो शक्ति गोहिल का कोंग्रेस का वोट खींचने की कोषिश कर रहे है। 12 एमएलए का संपर्क भी कीया था।
भरत सोलंकी के स्थान पर भाजपा के नरहरि अमीन चुनाव जीतेंगे। नरेंद्र अमीन को कांग्रेस में भरत सोलंकी ने परेशान किया था, इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और नरेंद्र मोदी और आनंदीबेन पटेल के कहने पर भाजपा में शामिल हो गए। कोंग्रेस ने आज तक पाटीदार सांसद को लोकसभा में पीछले 25 सालो में नहीं भेजा है। ईस लीये पाटीदार होट भरत सोलंकी ओन शक्ति गोहिल के खीलफ है।