गुजरात के राज्शय सभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने सोमवार, 11 जुलाई, 2022 को पूर्वाह्न 11 बजे “अग्निपथ भर्ती योजना” विषय पर आयोजित रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक में कहा की, आज पूरे देश में युवा आक्रोशित है। मांग करते हैं कि तुरंत प्रभाव से, जो एक फैसला हुआ है अग्निपथ का, उसको सरकार वापस ले। युवाओं के भविष्य के साथ और राष्ट्र की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाली योजना अग्निपथ है, यह मानना है ।
हमें सेना पर फख्र है, हमें हमारी सेना पर नाज है। मैं शहीदों को नमन करता हूं और हमारे जो फौजी जवान देश की सुरक्षा में काम कर रहे हैं, मैं उनको सैल्यूट करता हूं। सेना में सबसे बड़ा सम्मान अगर कोई होता है, तो वो है परमवीर चक्र का सम्मान। Top most award in the army or any defence force, वो है परमवीर चक्र और 1987 में 21,000 फीट की ऊंचाई पर जाकर पाकिस्तान की कायदे आजम चौकी पर जिसने हमला किया, अगुवाई की, 4 पाकिस्तान सैनिकों को मार गिराया और उसके बाद इस बहादुरी के लिए सर्वोच्च सैनिक सम्मान जिनको मिला, वो कैप्टन बाना सिंह ने अग्निपथ की योजना के लिए कहा है कि save the country, देश को बचाओ, Agnipath scheme will badly damage us, अग्निपथ योजना हमें बुरी तरह से नुकसान करेगी। India is going through a crucial stage, हम एक महत्वपूर्ण वक्त से गुजर रहे हैं। Youngsters are the future of motherland, हमारे युवा हमारी मातृभूमि का भविष्य हैं। कैप्टन बाना सिंह जी ने अग्निपथ का विरोध किया, जो सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित पराक्रमी पुरुष हैं, उन्होंने। तो ये कोई ना समझे कि हम बिना आधार के, बिना सोचे-समझे अग्निपथ का विरोध कर रहे हैं। हम सोच-समझ कर सेना का सम्मान करते हुए जो सियाचिन के हीरो के तौर पर पहचाने जाने वाले बाना सिंह जी से लेकर बहुत सारे लोगों से जो अभिप्राय आया है, उसके आधार पर हम हमारी बात रखते हैं।
मैं गांव से आता हूं और आपने देखा होगा जब गांव से कोई भी लड़का फौज में भर्ती होता है, तो पूरा गांव उसे सम्मानित करता है कि हमारे गांव का बच्चा आज फौज में जा रहा है, 17 साल तक नौकरी करेगा, गांव का नाम रोशन करेगा, आगे बढ़ेगा, उसका प्रमोशन होगा, रैंक बढ़ेगी, गांव का सम्मान होगा। अब अग्निपथ में किसी को फौज में ना प्रमोशन मिलना है, ना रैंक बढ़नी है, ना लंबे अरसे तक काम करना है, 6 माह की ट्रेनिंग और साढ़े तीन साल का ठेका, तो जो युवा भर्ती होगा, उसका सम्मान नहीं होगा।
सरकार का कोई भी बड़ा फैसला होता है, तो कभी भी लोकतंत्र में तुरंत फैसला नहीं होता है, लंबी प्रक्रिया चलती है, कोई बड़ा बदलाव होता है, तो ट्रायल बेस पर एक्सपेरिमेंट होता है। लोगों से अभिप्राय, ओपिनियन मंगवाए जाते हैं, फिर सरकार बदलाव करती है।
मैं कहना चाहता हूं कि अगर ये निर्णय सेना का होता, तो तीन साल पहले जिनके नॉमिनेशन फॉर्म भरवाए गए, उन बच्चों को बताया जाता कि अब तुम्हारा आगे एग्जाम नहीं होगा, क्योंकि अग्निपथ योजना आनी है। सेना का फैसला नहीं था। सबसे पहला ट्वीट अगर कोई करता है, तो कौन करता है अग्निपथ पर, प्रधानमंत्री जी का ट्वीट आता है । इसका मतलब हुआ कि रक्षा मंत्री जी का भी इस फैसले में कहीं इन्वोल्वमेंट नहीं है। अगर ये सेना का फैसला होता, तो हमारी तीनों सेनाओं के मुखिया आते, लोगों से बात करके कहते कि अग्निपथ हम लागू कर रहे हैं। जब पूरा मामला बिगड़ गया, देश में हवा खिलाफ हो गई, अग्निपथ पर थू-थू होने लगी, देश के लोग आक्रोशित हो गए, युवा सड़कों पर आ गया, सेना के मुखिया तब क्यों आते हैं? फैसला लिया तब आते, तो कोई भी मानता कि सेना का फैसला है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सीडीएस, पहली बार इस देश में बना, बिपिन रावत जी पहले सीडीएस बने और उन बिपिन रावत जी ने ऑफिसरों की उम्र तो बढ़ाने की बात की, पर एक न्यूज एजेंसी को उन्होंने इंटरव्यू दिया और इंटरव्यू में कहा कि आज एवरेज लाइफ स्पैम बढ़ा है, आज फिजिकली ह्यूमन बींग ज्यादा फिट हुआ है और इसलिए बिपिन रावत जी ने कहा कि सेना में जो 15 या 17 साल पर फौजी रिटायर होते हैं, उसकी जगह उनकी रिटायरमेंट उम्र 58 करनी चाहिए जिससे एक एक्सपीरियंस्ड फौजी मिलेगा और कम उम्र में रिटायर होने से पेंशन का जो बोझ है, वो कम होगा। ये जनरल बिपिन रावत जी, पहले सीडीएस, ये उनका न्यूज एजेंसी को दिया इंटरव्यू है, उसमें उन्होंने साफ किया।
फौज में दो चीजें अहम होती हैं। कोई भी फौजी जब भर्ती होने जाता है, दो चीजें अहम होती हैं। एक होता है फिजिकल एग्जाम (फिजिकल टेस्ट ) और दूसरा होता है मेडिकल टेस्ट। 2020 में इश्तिहार आया कि जो भी डिफेंस में युवा काम करना चाहते हैं, वो अपना फार्म भरें। इस देश के हजारों युवाओं ने फॉर्म भरे, रोड़ पर दौड़ते हैं वो, पुशअप कर रहे थे फिजिकली फिट रहने के लिए और इनकी 2020 में फार्म भरने के बाद 2021 फर्स्ट और सेंकड वीक ऑफ फरवरी में इनके एग्जाम लिए गए। फिजिकल फिटनेस और मेडिकल, और हजारों युवाओं ने फिजिकल टेस्ट पास कर लिया, मेडिकल टेस्ट पास कर लिया और उसके बाद उनको ये एडमिट कार्ड जारी किया गया। उनको एडमिट कार्ड भेज दिया कि आप फिजिकल और मेडिकल टैस्ट पास कर गए। नेचुरली, ये बच्चे, जिन्होंने इसकी तैयारी की, कोचिंग क्लास, लोन लेकर इधर-उधर से करके पैसे बहाए, कम से कम तीन-चार लाख रुपया सालाना अपना खर्च करके, एडमिट कार्ड तक आ गया। इनको सिर्फ अब यही बाकी था कि आगे की प्रोसीजर खत्म हो और ये बच्चे फौज में भर्ती हो जाएं। ये 2021 में वेबसाइट पर लगाया जाता है कि अभी आपके आगे का प्रोसीजर रुका है, पर आगे आप वेबसाइट देखते रहिए, आपका आगे का प्रोसीजर खत्म किया जाएगा। उसी वक्त बता देते कि अब आपको हम लेने वाले नहीं हैं, हम तो अग्निपथ ला रहे हैं। नहीं, ये बच्चे वेबसाइट देखते रहे, इंतजार करते रहे कि मेडिकल और फिजिकल पास हैं, फौज में मैं जा रहा हूं। कईयों ने गांव में सम्मान भी पा लिया और फिर ये फैसला आता है कि मतलब, तुमने 3 साल, 2020 से लेकर 2022 तक, सारे कष्ट झेल कर फिजिकल, मेडिकल टैस्ट पास किया, तुम्हें भी फौज में भर्ती नहीं करेंगे। तुम्हें भी अब सिर्फ अग्निपथ पर जाना होगा, 6 महीने की ट्रेनिंग और साढ़े तीन साल की नौकरी और नौकरी के बाद घर वापसी। तो ये सरासर अन्याय है। सरकार कह रही है कि जो बच्चे छूट जाएंगे, उनको हम ऑल्टरनेटिव अकोमोडेट करेंगे। मैं आपको कुछ आंकड़े देना चाहता हूं, जो आज के हालात हैं।
भारत सरकार में एक्स आर्मी मैन, पूर्व सैनिक के लिए 10 प्रतिशत रिजर्वेशन ग्रुप सी में और 20 प्रतिशत ग्रुप डी में है। ये रिजर्वेशन होते हुए ग्रुप सी में अभी सिर्फ 1.29 प्रतिशत और ग्रुप डी में 1.66 प्रतिशत ही लिया गया है। क्या मतलब है रिजर्वेशन का, जब आज रिजर्वेशन होते हुए भी अभी एक प्रतिशत दे रहे हैं। सीएपीएफ 10 प्रतिशत रिजर्वेशन है एक्स आर्मी मैन के लिए, लेकिन ग्रुप सी में कितना लिया है- 0.47 प्रतिशत और ग्रुप डी में 0.87 प्रतिशत, मतलब एक प्रतिशत भी नहीं। ये आंकड़े सरकार के आंकड़े हैं। 94 सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग हैं, जो ये कहते हैं ना कि पीएसयू में भी ले लेंगे, उसमें 14.5 प्रतिशत और 24.5 प्रतिशत रिजर्वेशन एक्स आर्मी मैन के लिए है। पर कितना रखते हैं ये ग्रुप सी में, सिर्फ 1.15 प्रतिशत और ग्रुप डी में 0.3 प्रतिशत ।
देश के युवाओं को ये कहा जा रहा है कि तुम्हें ऑल्टरनेटिव भी अकोमोडेटे करेंगे। मेरा सीधा सवाल ये है कि इस दुनिया में अब एक देश, जहाँ कंपलसरी आर्मी में जाना है, वहां वॉलंटरी कोई नहीं जाता है, वहाँ कहते हैं कि शॉर्ट टर्म के लिए ले रहे हैं और ये क्यों नहीं देखते हैं कि यूक्रेन और रशिया का वॉर चल रहा है और यूक्रेन और रशिया के वॉर में एक्सपर्ट्स ने माना है कि जो सैनिक पूर्णत: नौकरी में लंबे अर्से से था, उसका परफॉर्मेंस शोर्ट टर्म नौकरी में आए हुए सैनिक से बहुत बेहतर रहा। हमारी लड़ाई चीन के साथ है, चीन हमारे बॉर्डर में घुस गया है, ये बात भाजपा के सांसद खुद अपने ट्विटर पर कह चुके हैं, उस वक्त में ये राष्ट्र की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
हमें सरकार ने अग्निपथ योजना पर जो note दी है उसको मैंने ठीक तरह से पढ़ा है लेकिन इसके बाद मेरी मान्यता ज़्यादा मज़बूत हुई की अग्निपथ योजना वापस लेनी चाहिए क्योंकि “ना सुरक्षा, ना रैंक, ना पेंशन, अग्निपथ तो है, सिर्फ एक टेंशन है ।”
अग्निपथ योजना को वापस लेना चाहिए, अगर उनको करना भी है तो आएं, बात करें पार्लियामेंट में। एक पायलट प्रोजेक्ट कहीं चलाकर देखें। जिन बच्चों ने तीन साल से मेहनत की है, उनको फौज में रेग्युलर भर्ती कर दें। मैं मांग करता हूं प्रधानमंत्री जी से कि अग्निपथ योजना को तुरंत वापस लें । यही हमारी कुछ मांगे हैं।
मेरे विचारो को आज की मीटिंग की मिनीट्स में शामिल करने की कृपा करे।