दिलीप पटेल
अहमदाबाद, सितंबर 2025
गुजरात में क्षय रोग के मामले चिंताजनक दर से बढ़ रहे हैं। भारत क्षय रोग (टीबी) मुक्त नहीं हो सका। 2024 में गुजरात में 87 हज़ार 397 टीबी रोगी पंजीकृत हुए। दो वर्षों में दो लाख से ज़्यादा मरीज टीबी की चपेट में आ चुके हैं। गुजरात में टीबी के सबसे ज़्यादा मरीज़ अहमदाबाद में हैं, जहाँ 12 हज़ार 827 मरीज़ हैं। टीबी मुक्त भारत अभियान में, गुजरात 2025 तक क्षय रोग का उन्मूलन नहीं कर सका। खर्च 50 करोड़ रुपये से बढ़कर 250 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन टीबी का उन्मूलन नहीं हो रहा है। प्रदूषण, खराब पानी और तंबाकू के कारण गुजरात में टीबी बढ़ रही है।
मोदी की गारंटी झूठी
मोदी ने देश को गारंटी दी थी कि 2025 तक क्षय रोग का उन्मूलन हो जाएगा।
मोदी की गारंटी गलत साबित हुई है। टीबी कम होने के बजाय बढ़ गई है। वह भी कोरोना वैक्सीन की वजह से हो सकता है। 24 मार्च 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को गारंटी दी थी कि, “भारत अब वर्ष 2025 तक टीबी को ख़त्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है।” मैं चाहता हूँ कि भारत के सभी अभियानों, नवाचारों और आधुनिक तकनीक से अधिक से अधिक देश लाभान्वित हों।
प्रतिदिन औसतन 358 नए टीबी रोगी सामने आ रहे हैं।
गुजरात सबसे अधिक मामलों वाले राज्यों में छठे स्थान पर है।
वर्ष 2024 में गुजरात में 1 लाख 37 हज़ार टीबी रोगी पंजीकृत हुए। 2025 के 9 महीनों में 87 हज़ार 397 रोगी उपचाराधीन हैं।
अहमदाबाद ग्रामीण में 2466 और अहमदाबाद शहर में 10 हज़ार 361 रोगी थे।
ट्रूनैट मशीन
टीबी मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह शरीर के विभिन्न अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है, जिसे एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी कहा जाता है। गुजरात में, 141 ट्रूनैट मशीनें रोगियों के लिए काम कर रही हैं, 2025 में 180 मशीनें खरीदी जानी थीं। 74 सीबीनैट मशीनें और 141 ट्रूनैट मशीनें हैं। निदान के लिए 2,251 निःशुल्क सूक्ष्म प्रयोगशालाएँ हैं। निदान के लिए टीबी कल्चर प्रयोगशालाएँ।
दावा
24 मार्च विश्व क्षय रोग दिवस है। दावा है कि नीति आयोग के टीबी उन्मूलन लक्ष्य का 95 प्रतिशत हासिल करके गुजरात अग्रणी राज्य बन गया है। वर्ष 2024 में एक लाख 18 हज़ार 984 टीबी रोगियों को 43 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता दी गई है। 10 हज़ार से अधिक निक्षय मित्रों की मदद से राज्य में 3 लाख 49 हज़ार पोषण किट वितरित किए गए हैं। इसके साथ ही, 100 दिवसीय गहन टीबी उन्मूलन अभियान के तहत 35 लाख 75 हज़ार लोगों की टीबी जाँच कर उनका इलाज शुरू किया गया है।
3 वर्षों में टीबी के 4.09 लाख मामले दर्ज किए गए।
नए रोगी
2022 में 1,42,133,
2023 में 1,33,799,
2024 में 1,33,805
ठीक हुए
2022 में 1,30,438,
2023 में 1,22,588
2024 में 1,24,971
गुजरात में मौतें
2025 के 9 महीनों में मरने वाले मरीजों की संख्या 1011 है। जो वर्ष 2024-25 की इसी अवधि में 2201 थी।
भारत
केंद्र की मोदी सरकार ने दावा किया है कि देश में टीबी के मामलों की संख्या 2015 के 15 लाख से घटकर 2023 में 83 प्रतिशत की कमी के साथ मात्र 2.5 लाख रह गई है। 2015 में प्रति 1 लाख लोगों पर 237 मामले थे, जो वर्ष 2023 में 195 हो गए।
टीबी दुनिया की सबसे संक्रामक जानलेवा बीमारी है और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2023 में दुनिया भर में इस बीमारी से 12 लाख 50 हज़ार लोगों की जान चली गई। भारत में प्रति एक लाख लोगों पर 27 लोगों की टीबी के कारण मृत्यु हो रही है। देश भर में सबसे ज़्यादा टीबी के मामले दिल्ली में दर्ज किए जा रहे हैं।
व्यय
गुजरात में टीबी रोगियों को 46.50 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। टीबी रोगियों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार हर महीने रोगी के खाते में 1000 रुपये की सहायता राशि जमा करती है। गुजरात में वर्ष 2024 में 1,19,833 रोगियों के खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से कुल 49.50 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।
गुजरात में टीबी उन्मूलन के लिए 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य के साथ, राज्य में 7.68 लाख रोगियों को 246 करोड़ रुपये प्रदान किए गए।
वर्ष 2022 से 2024 तक 3,79,382 टीबी रोगियों को पोषण किट वितरित किए गए।
देश में टीबी उन्मूलन के लिए 910 करोड़ 83 लाख रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया। वर्ष 2022-23 के दौरान टीबी के लिए 1,666 करोड़ 33 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था, जो वर्ष 2023-24 के दौरान बढ़कर 1,179 करोड़ 68 लाख रुपये हो गया। इस प्रकार, …888 करोड़ 82 लाख रुपये हो गया।
प्रयोगशाला तकनीशियनों और पर्यवेक्षकों की 30 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक कमी है।