गांधीनगर, 5 मई 2020
गुजरात के भावनगर जिले में अलंग शिपयार्ड एक महीने के बाद फिर से धड़कने लगा है। अलंग शिप रिसाइकल यार्ड में आधे प्लॉट पर सफाई अभियान के साथ काम शुरू हुआ, जो तालाबंदी के एक महीने बाद फिर से खुल गया। बाकी प्लॉट भी दो दिन में काम शरूं हो जाएंगे। इस साल, टर्नओवर 4 मिलियन टन लौह अयस्क और 1.50 बिलियन होने की उम्मीद थी। जिसे 20 फीसदी कम होगा।
वर्तमान में अलंग में मजदूर कम हैं। मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश का रुख कर रहे हैं।
प्लॉट धारकों के पास जरूरी उपकरण हैं जिनमें सैनिटाइजर, थर्मल गन समेत 40 से 50 फीसदी प्लॉट्स हैं। 10 से अधिक श्रमिकों के साथ-साथ परिवहन सहित अन्य व्यवसायों में शामिल लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अपनी आजीविका अर्जित करना शुरू कर देंगे।
यूरोप और जापान जैसे देशों से जहाजों को तोड़ने के लिए चीन और तुर्की जाते हैं। दुनिया में 1 हजार जहाज में से 250 से 300 जहाज अलंग से आते हैं।
उद्योग 1. 1.3 बिलियन के कारोबार के साथ एक वर्ष में 3.5 मिलियन टन स्टील का उत्पादन करता है।
भारत द्वारा लागू किए गए नौ कानूनों से बड़े पैमाने पर यूरोपीय और जापानी जहाजों को गुजरात के अलंग में हटाने की उम्मीद की गई थी।
पहले पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उसे इसी साल आना था। लेकिन कोरोना की वजह से यह कम आएगा। जापान के सहयोग से जापान औद्योगिक निगम प्राधिकरण (जेआईसीए) से बहु-अरब रुपये के ऋण के साथ गुजरात में अलंग को विकसित करने के लिए योजनाएं बनाई गई हैं।