मीडिया और सरकार कोय जांच कार्यवाही करे यह वीडियो सुनकर जो अब होना चाहिए ताकि फर्जी लोगो को आदिवासी ओके नामका जातिप्रमान पत्र ना मिले
जो लोग सर्टिफिकेट पाने के लिए लोगों से उधार में रुपए लेकर सर्टिफिकेट खरीदते है
फिर सच्चाई सामने आती है तो वह व्यक्ति बर्बाद हो जाता है न नॉकरी लगती नाही फिर रुपए देने काबिल रहता है तो निराश होकर गलत कदम उठाता है
इन सबके लिए जिम्मेदार वह अफसर भी है जो पद पर बैठे है लेकिन पद की मर्यादा को बरकरार रख नही पाते
जिन्हें पता ही नही किसी देना है किसी नही बस रिश्वत के रुपए चाहिए उन्हें ओर
रिश्वत देने वाले भी उतने ही गुनहगार है क्योंकि वह भी किसी ओर का हक्क असवैधानिक रूप से छीनने की कोशिश कर रहे है