2 दिसंबर 2020
3 कोरोना कंपनियां देश में वैक्सीन बना रही हैं। सरकार सभी को कोरोना वैक्सीन देने की योजना बना रही है। वैक्सीन स्टोरेज उसके लिए कोल्ड चेन बन रहा है। सरकार लक्समबर्ग कंपनी के साथ टीके के परिवहन के लिए एक अनुबंध पर भी विचार कर रही है। कंपनी अपने विशेषज्ञों को भारत भेज रही है।
लक्समबर्ग के प्रधान मंत्री ने एक वैक्सीन परिवहन संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव लक्समबर्ग में 19 नवंबर को सरकार के साथ पहली द्विपक्षीय शिखर बैठक के दौरान किया गया था। गुजरात में रेफ्रिजरेटेड वैक्सीन ट्रांसपोर्टेशन प्लांट स्थापित किया जाना है। देश के कोने-कोने में अरबों रुपये के टीके सुदूर गांवों तक पहुंचाए जाएंगे।
What are we doing to help governments and international organisations to prepare for the future #COVID19 #vaccine? Our products address a huge logistical issue.
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— B Medical Systems (@BMedicalSystems) December 1, 2020
लक्समबर्ग स्थित बी.मेडिकल सिस्टम्स अगले सप्ताह एक उच्च स्तरीय टीम गुजरात भेजेगा। टीम एक वैक्सीन कोल्ड चेन स्थापित करेगी। सौर ऊर्जा संचालित रेफ्रिजरेटर, फ्रीजर और रास्ता बक्से भी शामिल होंगे। जिसमें वैक्सीन को रखा जा सकता है और एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सकता है। इस प्रकार, इस संयंत्र के पूरा होने में लगभग 2 साल लगेंगे। लेकिन कंपनी ने वर्तमान में लक्ज़मबर्ग से एक प्रशीतन बॉक्स का आदेश देकर तुरंत काम शुरू करने का फैसला किया है।
Our refrigerators and freezers will help countries to ensure that an effective #coldchain is maintained for the #COVID-19vaccines. Our solutions cover any cold chain need ranging from +8°C to -86°C.
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— B Medical Systems (@BMedicalSystems) November 27, 2020
यह प्रशीतित परिवहन बॉक्स -4 से C से -20 से C तक के तापमान के साथ वैक्सीन देने में सक्षम होगा। इस प्रकार लक्समबर्ग स्थित कंपनी में शून्य से 80 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर वैक्सीन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने की तकनीक है।