सरकार ने FACT में Rs.900 करोड़ का निवेश किया फर्टिलाइजर उद्योग के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य

चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (CFCL) ने राजस्थान के गढ़ेपान में 12.7 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता के साथ एक ब्राउनफील्ड परियोजना शुरू की है। यहां 1 जनवरी, 2019 से उत्पादन शुरू हो चुका है। इससे 2019-20 के दौरान देश में 244.55 लाख मीट्रिक टन स्वदेशी यूरिया का उत्पादन करने में मदद मिली।

सरकार ने HFCL की बरौनी, रामगुंडम, तालचर, गोरखपुर और सिंदरी की बंद उर्वरक इकाइयों को फिर से चालू करने का काम शुरू कर दिया है। यह सार्वजनिक उपक्रमों का एक संयुक्त उद्यम है। इसमें से प्रत्येक इकाई की वार्षिक उत्पादन क्षमता 1.27 MMTPA होगी। ये संयंत्र गैस से संचालित होंगे। इन उर्वरक संयंत्रों से जुड़ी परियोजनाओं की प्रगति और इनके पूरी तरह बनकर तैयार हो जाने का ब्यौरा इस प्रकार है:

परियोजना समग्र प्रगति तैयार हो जाने की संभावित तिथि
रामगुंडम 99.58% पूरे होने के चरण में
तालचर 59.48% 2023 तक
गोरखपुर 88.10% 2021 तक
सिंदरी 77.80% 2021 तक
बरौनी 77.60% 2021 तक

 

संशोधित नई मूल्य निर्धारण योजना (NPS-III) के अनुसार सभी ऐसी उर्वरक इकाइयों को जो ईंधन के रूप में नेफ्था का उपयोग कर रही हैं, उन्हें प्राकृतिक गैस से संचालित इकाइयों में परिवर्तित किया जाना है। मद्रास फर्टिलाइजर्स लिमिटेड ने पहले से ही नेफ्था के स्थान पर प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। गैस पाइपलाइन से जुड़ने के बाद से इस इकाई में 29 जुलाई, 2019 से यूरिया का उत्पादन शुरु हो चुका है। यह इकाई अब पूरी तरह से प्राकृतिक गैस से संचालित है।

गौड़ा ने कहा कि फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड (FACT) के संयंत्र को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने इसमें इसमें 900 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश करने का फैसला किया है।

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