गांधीनगर, 24 अक्तुबर 2020
गुजरात के ग्रामीण जनसंख्या वृद्धि दर 9.3 प्रतिशत है और शहरी जनसंख्या 39 प्रतिशत है। ग्राम्य नागरिको शहर की ओर जा रहे है। ईसलिये ग्राम्य ईलाको में 2021 में जनसंख्या वृद्धि 0 हो सकता है। क्योंकि अब ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में काम करने वाले ट्रैक्टरों के बाद, अब छोटी कटाई मशीनें आ रही हैं। 1 मसीन 25 से 40 मजदूर का काम करता है। अतने मजदूर बेकार हो जायेगा । किसान अब अपनी छोटी मशीनें खरीद रहे हैं। पहले बडी मशीनें गेहूं की कटाई के लिए पंजाब से आती थीं। अब छोटी मशीनें राजकोट, जसदान, जामनगर और अहमदाबाद में दो साल से बड़ी संख्या में हैं।
25 लाख मशीन आ जायेगी
गुजरात में 55 लाख किसान हैं, जिनमें से 25 लाख किसान ऐसी मशीनें लगाकर 10 सालो में काम करेंगे। क्योंकि एक मशीन और 25-40 मजदूर काम करते हैं। प्रति श्रमिक औसत मजदूरी दर 300 रुपये है। इस प्रकार मशीन सस्ती हो जाएगी। मजदूरी दरें बढ़ गई हैं और अब मजदूरो कों बाहरी राज्यों से आयात करना पड़ता है, क्योंकि गुजरात में कम श्रम उपलब्ध है। इसलिए किसान छोटी कटाई मशीन स्थापित कर रहे हैं। जो 1.5 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक किंमत की है और गुजरात सरकार इसे 30 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है।
अनाज और तिलहन की फसले
2020 में, 7 मिलियन टन अनाज और 4 मिलियन टन तिलहन की कटाई सिर्फ आदमी द्वारा नहीं बल्कि मशीन द्वारा दो साल में की जाएगी। केवल 80 लाख गांठ कपास मजदूरों निकाल ते है। ईस में अभी कोई मशीन काम नहीं कर रही है। उच्च मजदूरी के कारण, किसानों ने कपास उगाना कम कर दिया है। कपास, घास और तिलहन की मशीन से कटाई शुरू होने के बाद कपास का क्षेत्रफल मुश्किल से 10 लाख हेक्टेयर बाकी रहेदा। जब कपास की बुनाई की मशीनें आएंगी, तो एक बार फिर से कपास की खेती कुछ हद तक बढ़ जाएगी।
38 लाख मजदूर
1 मार्च, 2011 को, गुजरात में 6.04 करोड़ की आबादी में से 3.47 करोड़ गाँव की थी। 2.03 करोड़ या 33.7 प्रतिशत मुख्य श्रमिक थे। 44.02 लाख सीमांत श्रमिक थे। राज्य में 59 प्रतिशत कोग काम नहीं कर रहे थे। 38 लाख लोग गांवों में मुख्य या सीमांत श्रमिक थे।
मोदी के 10 वर्ष में 3.50 लाख किसानोने खेती छोडी
28.54 लाख हेक्टेयर में अनाज, 7.85 लाख हेक्टेयर में दाल, 25 लाख हेक्टेयर में मूंगफली श्रम के बजाय मानव संचालित मशीन द्वारा किया जाएगा। 2001 से 2011 तक मोदी के 10 साल के शासन में, 54.47 लाख किसान थे, जिनमें 3.55 लाख कम हो गये थे। इसी तरह, 2001 से 2011 तक ४ लाख किसानों कम हो गया था। अब यह संख्या 2021 से 2031 तक अन्य 10 लाख किसानों से कम हो जाएगी। जो वास्तव में खेत मजदूर बन गए होंगे और किसी और के खेत में मशीनों को चलाते होंगे। मोदी और मुख्य प्रधान विजय रूपानी सरकारो नें बनाया नया 6 कानून खेती को कम करने में काम करेगा।
16 लाख खेत मजदूर बढे
मोदी के पहले 10 साल के खराब शासन में 2001 से 2011 तक, 16.78 लाख खेत मजदूरों की वृद्धि हुई। आम तौर पर, हर 10 साल में 2% लोगों को खेती या खेत में काम छोड़ना पड़ता है। जो अब मशीन युग में सीधे 5 प्रतिशत हो जाएगा। ट्रैक्टरों के आगमन के साथ, गुजरात में सैनिकों की संख्या में 80 प्रतिशत की कमी आई है। इस तरह अब मजदूरों की संख्या में 80 फीसदी की कमी आएगी। 2011 की जनगणना के अनुसार, गुजरात में 12 लाख लोगों ने खेती या खेत का काम छोड़ दिया था।