गर्मी में नर्मदा बांध की नहर से सिंचाई न हुंई, नर्मदा न बनी जीवनरेखा

दिलीप पटेल, 5 जून 2022

कृषि विभाग ने ग्रीष्मकालीन रोपण की अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है। प्रदेश में 1.10 लाख हेक्टेयर भूमि में से 11.25 लाख हेक्टेयर में अंतिम रोपण गर्मी में घोषित किया गया है। इनमें नर्मदा, कुओं, झीलों, अन्य बांधों और बोरहोल के माध्यम से सिंचाई शामिल है।

गर्मियों में नर्मदा नहर से सिंचाई पर रोक लगा दी गई थी। तो वास्तव में नर्मदा नहर से सिंचाई नहीं हो सकती थी। नर्मदा बंद होने के बाद से यह सिलसिला जारी है। गर्मियों से पहले सरकार झीलों और नदियों में पानी छोड़ कर नर्मदा का पानी बर्बाद करती है। इसलिए गर्मियों में नर्मदा की सिंचाई नहीं की जा सकती।

गर्मियों में नर्मदा नहर से 18 लाख हेक्टेयर की सिंचाई करनी थी। लेकिन वर्तमान में नर्मदा के जल से मात्र 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र ही उदारतापूर्वक सिंचित माना जा सकता है।

इसका मतलब यह है कि अगर नर्मदा बांध गर्मी और सर्दी में सिंचाई करता है। मानसून में, हर जगह बारिश होती है। इसलिए मानसून में नर्मदा नहर को कम फायदा होता है। नर्मदा नहर का असली उत्पाद सर्दी और गर्मी में मिल सकता है।

जिस जिले में नर्मदा का पानी कम हो, वहां गर्मियों में पौधरोपण

पाटन 20100

मेहसाणा 40000

गांधीनगर 23100

अहमदाबाद 37900

वडोदरा 25600

महासागर 17300

सुरेंद्रनगर 30800

बोटाद 7600

भरूच 8400

कुल 4,21,600

प्रदेश में 11.25 लाख हेक्टेयर में गर्मी की बुआई हो चुकी है. जिन जिलों में नर्मदा नहर बहती है, वहां खेती का कुल क्षेत्रफल 4.12 लाख हेक्टेयर है। इसमें नर्मदा, अन्य बांध, कुएं या बोर आधारित सिंचाई आती है।

राज्य में अब 50 प्रतिशत भूमिगत सिंचाई है। इससे 2.06 लाख हेक्टेयर बचता है। अन्य बांधों से सिंचाई की बात मानी जाए तो 1.50 लाख हेक्टेयर सिंचाई शेष है। इसका शाब्दिक अर्थ है कि नर्मदा नहर के आधार पर 1 लाख हेक्टेयर से अधिक की सिंचाई नहीं होती है।

नर्मदा नहर की सर्वाधिक सिंचाई सुरेन्द्रनगर जिले में की जाती है। जहां 30 हजार हेक्टेयर में खेती की जाती है। 15 हजार हेक्टेयर से अधिक की सिंचाई नर्मदा पर आधारित नहीं है यदि कुएं की 50% सिंचाई की जाए।

रवि- सर्दियों में 47.45 लाख हेक्टेयर में रोपा गया। सरकार ने नर्मदा आधारित सिंचाई की राशि का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह 4 लाख हेक्टेयर से अधिक नहीं होती है। नर्मदा से कुल 4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होने का अनुमान है। सरकार का दावा है कि 11 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है.

लेकिन गर्मियों में सिंचाई ही सच्ची सिंचाई है। जिसमें नर्मदा बांध सफल नहीं हो पा रहा है। नर्मदा बांध उद्योगों को पेयजल और पानी उपलब्ध कराने में ही सफल है।