मोदी-रूपानी शासन में सिंचाई के लिए एक भी नए बांध नहीं, भाजपा सरकारों की पोल खुली

गांधीनगर, 23 मार्च 2021

23 मार्च, 2021 को गुजरात विधानसभा में, सरकार ने कहा कि सिंचाई के लिए जल प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। 2001 में सिंचाई का क्षेत्र 38.77 लाख हेक्टेयर था, जो 2020 में बढ़कर 68.89 लाख हेक्टेयर हो गया है। 30.12 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुंई है।

पहले हर साल 15 हजार नए कृषि बिजली कनेक्शन दिए जाते थे। जबकि पिछले 17 वर्षों में औसत कर वर्ष पर 1 लाख नए कनेक्शन जारी किए गए हैं।

बिजली सब्सिडी के रूप में 18 लाख किसानों को बिजली बिल में प्रति वर्ष 7385 करोड़ रुपये की राहत दी जाती है।

सरकार की पोल तब खुल गई जब कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने मध्यम और बड़े डेमो के सवालों पर संकलित जानकारी मांगी। यह पता चला कि राज्य में 107 मध्यम बांध और 19 बड़े बांध हैं।

कांग्रेस के विधायकों द्वारा यह दावा करते हुए पोल खोला गया कि भाजपा ने सिंचाई के लिये गुजरात में कुछ नहीं किया जो हुंआ था वो 25 साल पहले कांग्रेस के शासन में हुआ था। 1995 से पहले 107 बांध बनाए गए थे। तब कांग्रेस का शासन था। तब से 2021 तल एक भी नई सिंचाई बंद नहीं हुई है।

कुआं की इसलिए बिजली कनेक्शन प्रदान करने से किसानों को लागत में वृद्धि हुई है और सरकारी राजस्व में वृद्धि हुई है।

बीजेपी ने 1995 से शासन किया है। 1995 में, 19 नए बांध निर्माणाधीन थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने सिंचाई का पानी नहीं देकर किसानों को नुकसान पहुंचाया है। भाजपा सरकार ने त्योहारों, उत्सवो और विज्ञापनों में सस्ते प्रचार के अलावा ठोस बुनियादी ढांचे के लिए कुछ नहीं किया है।

इसका अर्थ है कि 3 मिलियन हेक्टेयर सिंचित भूमि को बिजली द्वारा सिंचित किया गया है। नर्मदा परियोजना ने इसे 5 लाख हेक्टेयर बढ़ा दिया है। इस तरह भाजपा सरकार की पोल खोल दी।

जो 107 बांध सिंचाई के लिये थे वो भाजपाने पीने के पानी के लिये रख दीया है। ईससे किसानो को बडा भारी नुकसान हुंआ है। (गुजराती से अनुवादित)