गुजरात में धुलेटी के दिन गुजरात में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 78% की वृद्धि दर्ज की गई। सामान्यतः प्रतिदिन औसतन 257 दुर्घटनाएँ होती हैं, जबकि धुलेटी के दिन यह संख्या बढ़कर 458 हो गई।
धुलेटी के दिन शाम 6 बजे तक मेडिकल इमरजेंसी कॉल्स में 30% की वृद्धि हुई। कुल 3,485 कॉल्स में से 715 सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित थीं।
होली और धुलेटी के दौरान भांग का सेवन परंपरागत है, लेकिन इसके नशे के कारण सतर्कता में कमी आती है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं और अन्य आपात स्थितियों में वृद्धि होती है।
सावधानियाँ:
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नशे की हालत में वाहन चलाने से बचें: भांग या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने के बाद वाहन चलाना खतरनाक है।
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सतर्क रहें: त्योहारों के उत्साह में भी सतर्कता का पालन आवश्यक है।
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सुरक्षा नियमों का पालन करें: ट्रैफिक नियमों का पालन और सुरक्षा उपकरणों का उपयोग अवश्य करें।
होली-धुलेटी के पर्व में मारपीट और सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएँ बढ़ रही हैं। राज्य में धुलेटी की शाम 6 बजे तक मेडिकल इमरजेंसी के मामलों में 30% की वृद्धि हुई है। धुलेटी पर भांग का नशा करने की हिंदू त्योहारों में परंपरा है।
सामान्यतः राज्य में प्रतिदिन औसतन 3,735 इमरजेंसी कॉल्स दर्ज होती हैं। धुलेटी के दिन 3,485 मेडिकल इमरजेंसी कॉल्स आईं, जिनमें से 715 सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित थीं। अहमदाबाद में सबसे अधिक 95 सड़क दुर्घटनाओं के इमरजेंसी केस दर्ज हुए।
2025 की होली-धुलेटी का त्योहार रक्तरंजित बनकर भयावह बन गया था। दो दिनों में 21 लोगों की मौत हुई थी। सड़क दुर्घटनाओं में 13 लोगों की मौत हुई। वडोदरा में नशे में धुत कार चालक ने 8 लोगों को टक्कर मारी, जिसमें एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई और 7 लोग घायल हुए।
अमरेली जिले के लाठी शहर में धुलेटी के दिन पति ने अपनी 26 वर्षीय पत्नी की चाकू से हत्या कर दी थी। सूरत के मांडवी तालुका के अरेठ गाँव में दुर्घटना में ट्रैक्टर चालक की मृत्यु हुई थी।
गुजरात में होली-धुलेटी के दौरान सड़क दुर्घटनाओं और अन्य आपात स्थितियों में वृद्धि चिंताजनक है। त्योहारों के दौरान सतर्कता और सुरक्षा नियमों का पालन आवश्यक है।