मूंगफली रोपण में गुजरात के किसान चीन से आगे और उत्पादन में चीन से पीछे

गांधीनगर, 31 जुलाई 2020

मूंगफली रोपण में, गुजरात के किसान चीन से आगे उत्पादन में चीन से पीछी, अब किसानो ने मुंफली उत्पादकता युद्ध करने का तय किया है। चीन में सबसे ज्यादा मुंगफली पेदा की जाती है। मगर भारत में सवसे ज्यादा मुंगफली उगाई जाती है मगर चीन से कम पैदावार मीलती है। अब गुजरात के किसानोने थम ली है। किसान, चीन से मुकाबला करने के लिया तैयार है। सरहद पर सैनिक और खेत में किसान चीन के सामने लडेंगे। और सही सूत्र अब हांसील होगा, जय किसान जय जवान।

2006-07 में, 18.68 लाख हेक्टेयर रोपे गए, कुल रोपित क्षेत्र का 17 प्रतिशत। इन वर्षों में, मूंगफली का क्षेत्रफल मुश्किल से 2 लाख हेक्टेयर था। जो दर्शाता है कि जिस क्षेत्र में मूंगफली की सिंचाई की जा सकती थी वह केवल 11 प्रतिशत थी। इसका मतलब है कि मूंगफली उत्पादक केवल 15 साल पहले मानसून की बारिश पर निर्भर थे। इस वर्ष मूंगफली का कुल उत्पादन 32.85 लाख मीट्रिक टन था। 100 किलो की कीमत तब रू.1550-1625 थी। मजदूरों को प्रतिदिन औसतन 65 रुपये मिल रहे थे।

और पढ़े: VIDEO शंकर चौधरी को बीजेपी अध्यक्ष बनना था, अमूल का बटर काम नहीं आया, पार्टी ने लगाया पांचवा झटका

अब ऐसा नहीं है, काफी परिवर्तन आ चूका है। आधुनिस मशीन से खेती हो रही है। उत्पादकता बढा शके एसे सीड्स गुजरात के कृषि विज्ञानीओने शोध कर के किसानो को दीया है।

9-10 साल पहले, 2015 में, 12.25 लाख हेक्टेयर मुंगफली लगाई जाती थी। अब फिर से मुंगफली का जमाना आ रहा है।  मानसून में 20.18 लाख हेक्टेयर रोपण किया गया है। यदि मानसून गर्मियों के साथ माना जाता है, तो खेती के तहत कुल क्षेत्रफल 25 लाख हेक्टेयर होगा। इस प्रकार किसान मूंगफली की खेती की ओर रुख कर रहे हैं। इस साल पिछले मानसून की तुलना में 135 फीसदी अधिक रोपाई की गई है। जो शायद पिछले सभी वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ देगा।

और पढ़े: अमित शाह और मोदी के बीच मतभेद का दर्शन भाजपा के गुजरात अध्यक्ष सीआर पाटिल की नियुक्ति में है

पिछले साल, गुजरात में 4 लाख मिलियन हेक्टर का रोपण किया था। राजस्थान में 1.26 मिलियन टन और आंध्र में 1.04 मिलियन टन था। कुल खेती योग्य क्षेत्र देश का 5 मिलियन हेक्टेयर था। देश में मूंगफली 1444 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उत्पादक ता मीली है।

1950 में, देश में 4.49 मिलियन हेक्टेयर पर मूंगफली उगाई गई थी। 1957-58 में 6.42 मिलियन हेक्टेयर, 1962-63 में 7.28 मिलियन हेक्टेयर और 1988-89 में 8.58 मिलियन हेक्टेयर मुंगफली गला ने के बाद लगातार गिरावट आई है।

और पढ़े: एक गैर गुजराती ‘भाजपा अध्यक्ष’ कार्यकर्ताओं और लोगों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा, कांग्रेस के हार्दिक पटेल को फायदा होगा

2017-18 में, 5 मिलियन हेक्टेयर का क्षेत्र में मुंफली थी। इस वर्ष, किसानों ने 91.79 लाख टन मूंगफली और 20.82 लाख टन मूंगफली तेल का उत्पादन किया। गुजरात में इस साल प्रति हेक्टेयर 2400 किलो मूंगफली का उत्पादन हुआ। यह देश में सबसे ज्यादा था। मूंगफली दुनिया में 2.79 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में उगाई जाती है। यह 45 मिलियन टन का उत्पादन करता है। मूंगफली भारत में सबसे बड़े क्षेत्र में उगाई जाती है। दुनिया में चीन दूसरा नंबर पर है। फिर नाइजीरिया और सूडान आते हैं। मगर मुंगफलीना उत्पादन करने में चीन आगे है। भारतीय किसान चीन का मुकाबला नहीं कर सकते।

लेकिन अब फिर से गुजरात के किसान मूंगफली की ओर खींचे चले आते है। चीन के खिलाफ मूंगफली युद्ध जीता जा सकता है अगर वह चीन जैसी तकनीक और आधुनिक उपकरणों का उपयोग करता है। यदि गुजरात के किसान लद्दाख-चीन सीमा पर युद्ध की तरह मूंगफली को स्वीकार करते हैं, तो चीन से आगे भारत के किसान आगे निकल पायेंगे।

और पढ़े: गुजरात के गढ़डा से भाजपा को हराने का सार्वजनिक निर्णय