[:hn]इनसाइड स्टोरी – मोदी ने मुकेश अंबानी को रेड्डी के पास भेजा और आंध्र को नथवाणी को टिकट दिया[:]

Inside Story - Modi sends Mukesh Ambani to Reddy and gives Nathwani ticket to Andhra, why Nathvani left Jarkhand ?

[:hn]दिलीप पटेल

गांधीनगर, 7 मार्च 2020

रिलायंस के परिमल नथवाणी  राज्यसभा की मुदत 9 अप्रैल, 2020 को समाप्त हो रही है, इनसाइडर विवरण में बताया गया है कि उन्हें झारखंड छोड़कर आंध्र प्रदेश क्यों जाना पड़ा।

नथवाणी झारखंड के सांसद है, इससे पहले झारखंड राज्य में भाजपा की सरकार नहीं थी। नाथवानी ने कांग्रेस के साथ एक समझौते पर पहुंचने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस सहमत नहीं थी, नाथवानी किसी भी तरह से सांसद बनना चाहते थे, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद करने के लिए कहा। मोदी उद्यमियों की मदद के लिए हमेशा तैयार हैं।
आंध्र प्रदेश की एक सीट नाथवानी चुनना चाहते थे।  मुकेश अंबानी की वात आंध्र मानें तो नाथवानी को टिकट मिल सकता है। इसलिए, परिमल नथवाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि मुकेश अंबानी मुख्य मंत्री रेड्डी से अनुरोध करे।

मोदी के कहने पर अंबानी को जाना पड़ा

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपने बेटे अनंत और परिमल नाथवानी साथ अमरावती में जगनमोहन रेड्डी के घर पर बिना निमंत्रण के मुलाकात की और बंद कमरे में एक बैठक हुई। जिसमें परिमल नथवाणी से राज्यसभा सीट के लिए टिकट देने का अनुरोध किया। उसके बाद, नथवाणी अब आंध्र से राज्यसभा के सदस्य होंगे ।

मुकेश को राजनीति नहीं चाहिए

मुकेश अंबानी कभी भी गुजरात के मुख्यमंत्री या रिलायंस के लिए किसी मुख्यमंत्री के पास नहीं गए। वे कभी भी अपने उद्योग से किसी भी राजनीति में सीधे नहीं जाना चाहते हैं। लेकिन आंध्र के मुख्यमंत्री से मिलने जाना पडा। इनमें से कुछ परियोजनाओं पर स्वाभाविक रूप से भी बात की होगी ।

नथवानी दो बार भाजपा के वोट से चुने गए थे

परिमल नथवानी झारखंड से 2008 और 2014 में भाजपा विधायकों के वोट से चुने गए थे। लेकिन अब मोदी उनकी मदद नहीं कर सकते। क्योंकि वहां कांग्रेस की सरकार है। नथवानी अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वह किसी भी कीमत पर सांसद बनना चाहते हैं।

नथवाणी की अब तबीयत खराब रहती है। इसलिए यह सोचा गया कि वह भाजपा समर्थित राजनीति को त्याग देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

अमित शाह के साथ अच्छा नहीं 

परिमल नथवानी के मोदी के साथ अच्छे संबंध हैं, और अमित शाह के साथ अच्छे हैं। दोनों के बीच पुरानी झड़प है। कोई नहीं जानता कि क्या है। नथवाणी ने हाल ही में मुख्य मंत्री विजय रूपानी की सरकार की आलोचना की थी, जिसने अमित शाह ने मुख्यमंत्री बनाया है।

राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर थे, परिमल नथवाणी ने ट्वीट किया, “अहमदाबाद के सरदारनगर में कानून-व्यवस्था की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ रही है।

इस प्रकार, सीएम विजय रूपानी और प्रदीप सिंह के काम पर सवाल उठाया गया था। अहमदाबाद के सरदारनगर में कानून और व्यवस्था की स्थिति कैसी है? एक विहिप के वरिष्ठ कार्यकर्ता और व्यापारी का अपहरण कर लिया गया, उसकी कार में सार्वजनिक रूप से बर्बरतापूर्वक पीटा गया, उसकी कार में तोड़फोड़ की गई और पुलिस अभी भी चुप है।

गुजरात से क्यों नहीं

गुजरात में राज्यसभा की 4 सीटें खाली हैं। चूनाव आ रहा है। परीमल गुजरात से सांसद बन शकते थे । लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ने उन्हें गुजरात से दूर रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुल, नाथवानी को गुजरात से भेजने के लिए कभी सहमत नहीं हुए। मोदी सार्वजनिक रूप से सामने नही आते मगर निजी मदद कर रहे हैं। लेकिन परिमल नथवाणी को गुजरात से टिकट नहीं दिया गया है। उनके पीछे भाजपा के नेता हैं।

धीरूभाई के वफादार

परिमल नथवाणी मुकेश अंबानी की कोर टीम में शामिल हैं। धीरूभाई के विश्वसनीय विश्वासपात्र परिमल नथवाणी को 2016 में कॉर्पोरेट मामलों का समूह अध्यक्ष बनाया गया था। परिमल नथवाणी जामनगर में एक रिफाइनरी बनाकर धीरूभाई अंबानी के सपने को पूरा करने में योगदान देते हैं। द्वारका और नाथद्वारा जैसे मंदिरों के बोर्डों पर।

सबसे अच्छा सांसद

वह राज्य सभा में देश और गुजरात के बारे में प्रश्न पूछकर बहुत सारी जानकारी निकाल रहे हैं। उन्होंने कई सवालों को हल किया है। वह दिल्ली में कई राजनीतिक नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं।

सवाल ए है की, क्युं परीमल नथवानी राजनीति में रहना चाहते है ? क्युं सांसद बने रहे है, आखीर वजह क्यां है, राज क्यां है? [:]